“…….आपके लाड़ले बेटे की रीढ़ की हड्डी भी है या नहीं……” उमा इस कथन के माध्यम से शंकर की किन कमियों की ओर संकेत करना चाहती है?

गोपाल प्रसाद उमा की शिक्षा, उसके गुण, चाल-ढ़ाल तथा खूबसूरती के विषय में बार-बार जानना चाहते हैं, पर अपने बेटे के बारे में तनिक भी ध्यान नहीं देते हैं। शंकर का चरित्र अच्छा नहीं था। लड़कियों के हॉस्टल के चक्कर काटते हुए वह पकड़ा जा चूका था। ये यह दर्शाता है कि उसका अपना निजी कोई व्यक्तित्व नहीं था। वह शरीर से कमजोर, झुककर तथा तन कर बैठा भी नहीं जाता था। वह शारीरिक रूप से भी समर्थ नहीं थी। शंकर में आत्मविश्वास की कमी थी। उपर्युक्त कथन के माध्यम से उमा शंकर की निम्न कमियों की ओर ध्यान दिलाना चाहती है।


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